वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:- पुलिस गोली लगने के बाद से जांच में जुटी है, लेकिन शशि मौली की इतने लोगों से दुश्मनी से है कि पुलिस भी उलझ गई है। इस वजह से पुलिस सीसी टीवी कैमरों की मदद से बदमाशों को पकड़ने की पहली कोशिश में लगी है। पुलिस का मानना है कि बदमाशों के पकड़े जाने के बाद पूरा मामला खुलकर सामने आ जाएगा।
गोरखपुर जिले में किन्नर तान्या को दिनदहाड़े गोली मारने की घटना हो या फिर तीन महीने पहले गुलरिहा में सराफा व्यापारी राजेश गुप्ता को गोली मारने की। यह सभी घटनाएं देहात के सुनसान इलाकों में हुई। शहरी इलाके में भीड़-भाड़ वाले इलाके में करीब एक साल बाद इस तरह से दिनदहाड़े फिल्मी अंदाज में गोली मारने की घटना हुई है।
सनसनीखेज तरीके से बुधवार को वारदात कर बदमाशों ने कानूनी व्यवस्था को सवालों के घेरे में ला दिया है। खबर है कि जिस जमीन पर हिस्ट्रीशीटर मकान का निर्माण करवा रहा था, वहां पर भी विवाद सामने आया था, लेकिन न तो हल्का दरोगा की इसकी खबर थी और न ही सिपाही को ही। पुलिस बेखबर बनी रही और बदमाशों ने दुस्साहसिक घटना कर पुलिस को खुली चुनौती दे दी।
जानकारी के मुताबिक, इसके पहले 21 जनवरी 2022 को दीवानी कचहरी गेट पर दुष्कर्म के आरोपी बिहार के दिलशाद की गोली मारकर हत्या की गई थी। उसे भी फिल्मी अंदाज में ही गोली मारी गई थी। हालांकि, उसे पीड़ित लड़की के पिता ने ही गोली मारी थी और उसे तत्काल पकड़ लिया गया था। इसके अलावा तिवारीपुर के जाफरा बाजार में एक युवक को जनवरी 2023 में गोली मारी गई।
घटनाएं तो हत्या की हुईं, लेकिन गांव और रात में ही हुईं। शहरी इलाके में इस तरह से फिल्मी अंदाज में गोली मारने की घटना लंबे समय बाद हुई है। हाल के दिनों में एक बार फिर कानून व्यवस्था बेपटरी नजर आ रही है। सहजनवां इलाके में किन्नर तान्या को गोली मारी गई। तीन दिसंबर 2022 को सराफा व्यापारी राजेश गुप्ता को गोली मारी गई थी। पुलिस आज तक इस घटना का पर्दाफाश नहीं कर सकी।
आजीवन कारावास का सजायाफ्ता है शशि मौली
बेलीपार थाने के हिस्ट्रीशीटर शशि मौली शुक्ला को कोर्ट से हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा भी हो चुकी है। वर्तमान में वह हाईकोर्ट से जमानत पर जेल से रिहा है। पुलिस उसके आपराधिक इतिहास को जानने के बाद पुराने विवाद से जुड़े लोगों के भूमिका की भी जांच कर रही।
इतनों से दुश्मनी की पुलिस भी उलझ गई
पुलिस गोली लगने के बाद से जांच में जुटी है, लेकिन शशि मौली की इतने लोगों से दुश्मनी से है कि पुलिस भी उलझ गई है। इस वजह से पुलिस सीसी टीवी कैमरों की मदद से बदमाशों को पकड़ने की पहली कोशिश में लगी है। पुलिस का मानना है कि बदमाशों के पकड़े जाने के बाद पूरा मामला खुलकर सामने आ जाएगा।
फैजाबाद और महराजगंज में भी दर्ज है केस
बेलीपार के शशि मौली के खिलाफ 1985 में सहजनवां थाने में पहली हत्या का केस दर्ज किया गया। इसके अलावा फैजाबाद के गोसाहगंज थाने में गैंगस्टर का केस दर्ज है। महराजगंज के पनियरा थाने में हत्या का केस दर्ज है। कैंट, बेलीपार सहित कुल 14 मुकदमे है। तीन मई 1990 को हिस्ट्रीशीट खोली गई थी।